रह गए हैं बस, मैं, मेरी यादें, मेरी बातें, और मेरा साथ...! रह गए हैं बस, मैं, मेरी यादें, मेरी बातें, और मेरा साथ...!
लेन देन आसान हो गया घर बैठे ही सब मंगवाना, कहीं नही अब आना जाना ओनलाईन हो गया ज़माना । लेन देन आसान हो गया घर बैठे ही सब मंगवाना, कहीं नही अब आना जाना ओनलाईन हो गय...
कहां अभी स्वतंत्र हुए हम आजादी के इस दौर में। कहां अभी स्वतंत्र हुए हम आजादी के इस दौर में।
मौन चौक के पनघट देखे गगरी कलशा रहा नहीं। मौन चौक के पनघट देखे गगरी कलशा रहा नहीं।
रामायण का राम हूँ मैं युद्ध का परिणाम हूँ, रामायण का राम हूँ मैं युद्ध का परिणाम हूँ,
ऊंची ऊंची मिनारे सुना रही है बीती कहानियां, हमारी सभ्यता की महक से गुलशन है आज भी ये ऊंची ऊंची मिनारे सुना रही है बीती कहानियां, हमारी सभ्यता की महक से गुलशन है ...